Lyrics Vijayibhava.lrc Shankar Mahadevan
[id: pshzjczd]
[ar: Shankar Mahadevan]
[al: Manikarnika – The Queen Of Jhansi]
[ti: Vijayibhava]
[length: 04:24]
[00:25.03]तिनका तिनका था हमने सँवारा
[00:29.96]अपनी वो माटी और घर बारा
[00:35.00]लूट रहा ये चमन
[00:39.89]अपना वतन आँखो से अपनी
[00:44.64]लूट रहा ये चमन
[00:50.53]अपना वतन आँखो से अपनी
[00:55.52]संकल्प बोल के हम तो निकल पड़े
[01:00.58]हर द्वार खोल के
[01:03.25]गगन कहे विजय भव
[01:10.94]विजय भव
[01:15.18]गगन कहे विजय भव
[01:37.24]अब लपट लपट का तार बने
[01:39.99]और अग्नि सितार बने
[01:42.72]अब चले आँधियाँ सनन सनन
[01:44.97]गूँजे जयकार बने
[01:47.66]हर नैन नैन में ज्वाला हो
[01:50.54]हर हृदय हृदय में भाला हो
[01:53.16]हर कदम कदम में
[01:54.60]सेना की सच्ची ललकार बने
[01:58.35]अब भटक भटक आँगारो को
[02:00.81]उड़ता चिंगार बने
[02:04.14]है रात की सुरंग
[02:06.66]भटकी है रौशनी
[02:09.10]है छटपटा रही रौशनी
[02:12.86]गगन कहे विजय भव
[02:35.83]सौंधी सौंधी मिट्टी
[02:38.27]बारूदी हो गयी बावरे
[02:43.98]ओ… भोली सी तेरी बाँसुरी खो गयी सांवरे
[02:56.48]घायल है तेरा जल
[02:58.75]तू नदी है राह बदल
[03:01.10]पानी बुलबुला रहा है कल-कल-कल
[03:06.64]तू निकल तू निकल
[03:15.00]माटी ने तेरी आज पुकारा
[03:20.05]धरती ये पूछे बारंबारा
[03:24.81]लूट्ट रहा ये चमन
[03:29.89]तेरा वतन आँखो से अपनी
[03:35.03]लूट्ट रहा ये चमन
[03:40.53]तेरा वतन आँखो से अपनी
[03:45.73]संकल्प बोल के हम तो निकल पड़े
[03:50.88]हर द्वार खोल के
[03:52.65]गगन कहे विजय भव
[04:04.86]गगन कहे विजय भव
[04:11.41]हो… विजयी भव
[04:17.84]Year of Release: 2019